कामदेव मंत्र साधना
कामदेव को प्रेम सौंदर्य और काम का देव माना गया है। इसलिए परिणय प्रेम-संबंधों में कामदेव मंत्र साधना और आराधना का महत्व बताया गया है। यदि किसी व्यक्ति को किसी से प्रेम हो जाए या वह आसक्त हो गया हो। विवाहित स्त्री अथवा पुरुष की अपने जीवनसाथी से संबंधों में कटुता पैदा हो गई हो या किसी युवक या युवती का साथी रूठ गया हो और वह उसे मनाना चाहता हो। किंतु तमाम कोशिशों के बाद भी वह मन के मुताबिक परिणाम नहीं प्राप्त कर पाता। तब उसकी सहायता के लिए तंत्र क्रिया के अंतर्गत कुछ मंत्र के जप प्रयोग बताए गए हैं।
जिससे कोई भी अपने साथी को अपनी भावनाओं के वशीभूत कर सकता है। परंतु ज्योतिष में सुझाए गए सभी मंत्रों, उपासना और अन्य उपायों में मूल में एक ही बात होती है, इन मंत्रों को प्रयोग करने के पीछे व्यक्ति के मन में कलुषित भावना नहीं होनी चाहिए, साफ और निर्मल मन से इनका प्रयोग करना चाहिए।
धर्मशास्त्र में कामदेव को प्रेम, सौंदर्य और काम का देव कहा गया है। इसलिए परिणय प्रेम-संबंधों में कामदेव की उपासना और आराधना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इसी लिए तंत्र विज्ञान में कामदेव वशीकरण मंत्र का जप करने का महत्व बताया गया है। इस मंत्र का जप अचूक होने के साथ-साथ हानिरहित भी माना जाता है। यह मंत्र है –
‘‘ष्ॐ नमः काम-देवाय। सहकल सहद्रश सहमसह लिए वन्हे धुनन जनममदर्शनं उत्कण्ठितं कुरु कुरु दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहा’’
प्रतिदिन कामदेव के इस मन्त्र का सुबह दोपहर और रात्रिकाल में एक-एक माला जाप करें। ऐसा कहा जाता है कि यह जाप एक महीने तक करने पर सिद्ध हो जाता है। मंत्र सिद्धि के पश्चात जब आप इस मंत्र का मन में जप कर जिसकी तरफ देखते हैं, वह आपके वशीभूत या वश में हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार प्रेम और काम भावनाओं का कारक शुक्र ग्रह है और प्यार का देव कामदेव को माना गया है। यदि आप भी किसी को आकर्षित करना चाहते हैं, तो शुक्र एवं कामदेव को प्रसन्न करना चाहिए।
‘‘ऊँ कामदेवाय विद्महे रति प्रियायै धीमहि तन्नो अनंग प्रचोदयात।’
इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से से दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है। मनपसंद सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
इस संबंध में कुछ अन्य महत्वपूर्ण मंत्र इस प्रकार से हैं-
कामदेव मंत्र साधना-
कामदेव का शाबर मंत्र को काम शक्ति बढ़ाने वाला माना गया है, जो इस प्रकार से है-
‘ऊँ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।’
ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र के जप से व्यक्ति में आकर्षण शक्ति और यौन क्षमता में वृद्धि होती है।
शुक्र मंत्र –
शुक्र मंत्र सौन्दर्य को बढ़ाने वाला माना जाता है, इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार अवश्य करें
‘‘ ॐ द्राँ द्रीँ द्रौँ सरू शुक्राय नमरू, दृ ॐ शं सम्मोहनाय फट्
कामदेव वशीकरण मन्त्र-
भगवान गणेश का सुप्रसिद्ध वशीकरण मंत्र भी रूप-सौन्दर्य के साथ आकर्षण शक्ति बढ़ाने वाला माना जाता है –
‘‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरदं सर्व जनं मे वशमानाय स्वाहा’’
माना जाता है कि इस मंत्र के जप से व्यक्ति में आकर्षण शक्ति और यौन क्षमता बढ़ती है-
शुक्र मंत्र-
शुक्र मंत्र सौन्दर्य में वृद्धि करता है-
‘‘ ॐ द्राँ द्रीँ द्रौँ सरू शुक्राय नमरू दृ ॐ शं सम्मोहनाय फट्’’
व्यक्ति की कुंडली में स्थित उसके ग्रहों की स्थिति ही उसके जीवन की गति और दशा दोनों को तय करती है। यदि आपकी कुंड़ली के ग्रह कमज़ोर हैं तो आपके जीवन में उससे संगंधित समस्याओं का आना तय है। परंतु ज्योतिष में ऐसी समस्याओं के अनेक समाधान भी सुझाए गए हैं।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है तो इससे उस व्यक्ति को काम संबंधित समस्याएँ या फिर प्रेम संबंधों में कलह का सामना करना पड़ता है
तो आइये पढ़ते हैं कामदेव को प्रसन्न करने वाले और प्रेम संबंधों में मधुरता लाने वाले कुछ सरल उपाय –
- एक केला में गोरोचन मिलाकर लेप बनाएं। इस लेप को सिर पर लगाएं। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति में आकर्षण शक्ति आ जाती है। नारियल धतूरे के बीज कपूर को पीस लें। इसमें शहद मिलाएं। नियमित इसका तिलक करने से जिसे आप प्यार करते हैं वह आपको छोड़कर नहीं जाता है।
- शुक्र यंत्र का निर्माण करा लें और इस सिद्ध करने के बाद अपने घर के उस कमरे में रखें जिसमें आप सोते हैं सोने से पहले कामदेव जी का पाठ करें आपकी काम संबंधी समस्याओं का अंत होगा
- शुक्रवार के दिन गुलर की जड़ को सफेद कपड़े में बांध कर व सफेद धागे में बांधकर शरीर पर धारण कीजिये ऐसा करने से शुक्र देव प्रसन्न होते हैं और आपको प्रेम संबंधित समस्याओं में लाभ मिलता है
- शुक्र को काम और प्रेम से जुड़ा हुआ ग्रह माना जाता है। अगर व्यक्ति का शुक्र कमजोर होता है तो उसमें काम शक्ति भी कम होती है यदि आप अगर शुक्रवार के दिन गाय के दूध से स्नान करें और चीटियों को चीनी खिलाये, तो आपकी यह समस्या हल हो जाएगी।
- आप अपने घर में हरसिंगार का पौधा लगाइए और प्रतिदिन सुबह और शाम को उसको पानी दें। इस पौधे को अपनी समस्या बताने से भी इस तरह की बीमारी खत्म होने लगती हैं।
- व्यक्ति शुक्रवार को व्रत रखे और इस दिन साथ में ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” इस मन्त्र का 1600 की संख्या में जाप करें। शुक्रवार को आटा, चावल, दूध, दही, मिश्री, श्वेत चन्दन इत्र, श्वेत रंग का वस्त्र, चांदी इत्यादि का दान करें।
- आपको अगर पूर्णिमा के दिन नागा साधू मिल जाएँ तो आप उनका आशीर्वाद लें और उनके पैरों की धूल को हाथों में लेकर एक पुड़िया बना लें, रात को सोते समय इस पुड़िया को अपने सिरहाने रखकर सोने से अवश्य ही लाभ प्राप्त होता है
- आप सफेद मूंगा को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर किसी पंडित से इसे सिद्ध करवा लीजिये और इसको हाथ की तर्जनी अंगुली में पहन लीजिये, लाभ मिलेगा।
- धं धिं धुम धुर्जते पत्नी वां वीं बूम वाग्धिश्वरि। क्रं क्रीं क्रूं कालिका देवी शं षीम शूं में शुभम कुरु] यह मन्त्र माँ काली का मंत्र है, यदि पति-पत्नी परस्पर नाराज है, तो प्रतिदिन 108 बार इस मन्त्र का जाप करें।