बगलामुखी साधना और सिद्धि

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बगलामुखी साधना और सिद्धि

बगलामुखी शत्रु विनाशक मंत्र/ कवच/ बगलामुखी वशीकरण मंत्र प्रयोग/ बगलामुखी तंत्र साधना/बीज मंत्र/कवच –  देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं मानी जाती है। मान्यता है, कि सतयुग में एक बार महाविनाशकारी तुफान आया। इस पर नियंत्रण पाने में सभी देवगण असफल रहे। तब भगवान विष्णु हरिद्रा सरोवर के निकट देवी त्रिपुर सुंदरी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या किया। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर पीत वस्त्रा त्रिपुर सुंदरी पितांबरा के रूप में अवतरित हुई और विश्व को विनाश से बचाया। पिताम्बरा माई ही ही देवी बगलामुखी देवी के रूप में पूजित हैं। एकमेव इनकी साधन से समस्त लौकिक सुख प्राप्त किया जा सकता हैं। इनकी उपासना से अनेक भौतिक समस्याओं का समाधान संभव है जैसे –

से दुश्मन से छुटकारा पाना, कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय प्राप्त करना, मनोवांछित साथी से विवाह, आकर्षण,  वशीकरण, यहाँ तक कि आर्थिक सुख समृद्धि भी|

बगलामुखी साधना और सिद्धि

बगलामुखी साधना और सिद्धि

बगलामुखी तंत्र सांधना/बीज मंत्र/कवच

यह साधना कठिन इसलिए मानी जाती है क्योंकि इसके विधिविधान जटिल माने जाते हैं। इसलिए इस साधन को करने से पूर्व एक योग्य गुरू अवश्य तलाश लें। पुनः उनसे एक अक्षर वाले बीज मंत्र की दीक्षा लें, तदुपरांत साधना प्रारंभ करें।

बगलामुखी बीज मंत्र

देवी बगलामुखी की साधना एक अक्षर के बीज मंत्र ’ह्नीं’ के बिना संभव नहीं है। अतएव, प्रतिदिन हल्दी की माला पर 21 अथवा 51 माला इस मंत्र का जाप अवश्य करें। बीज मंत्र का अभिप्राय होता है आध्यात्मिक ऊर्जा का मूल। अर्थात जहां से उस दैवी शक्ति की ऊर्जा प्रवाहित हो रही हो। जब साधक के मानस में बीज मंत्र पूरी तरह रच बस जाता है, तब वह साधना की अगली कड़ी के योग्य माना जाता है।  अनुभवी साधकों का कहना है कि बगलामुखी के सच्चे साधक ही प्रत्येक इच्छा बिना मांगे ही पूरी हो जाती है।

साधना प्रारंभ करने से पूर्व दुर्गा सप्तशती से लेकर कवच पाठ कर लेना जरूरी है। इससे साधक का अंग प्रत्यंग सुरक्षा तरंग के घेरे में आ जाता है। तत्पश्चात अपना नाम, गोत्र आदि बोलकर संकल्प लें। पुनः सोलह मातृकाओं की पूजा करें। इसके बाद ध्यान, आवाह्न, षोडषोपचार पूजन, प्रार्थना तत्पश्चात छत्तीस अक्षर के बगलामुखी मंत्र का उतनी ही संख्या में जाप करें, जितने का संकल्प लिया हो। सामान्यतः सवा लाख जाप के बाद मंत्र सिद्ध हो जाता है।

बगलामुखी मंत्र

ॐ  ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं-मुखं-पदम् स्तम्भय

जिह्वाम कीलय, बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:

मंत्र पाठ के बाद 108 आहूतियां दें। यह स्तम्भन मंत्र है। ध्यान से पढ़ने पर इसका अर्थ भी स्पष्ट होता है कि इसमें देवी से शत्रु की वाक शक्ति, जिह्वा आदि को जडवत करते हुए उसके बुद्धि विनाश की प्रार्थना की गई है।

अनुभवी साधकों का मानना है, कि यदि किसी का वशीकरण करना हो तो-

– साधना के दौरान शक्कर और तिल मिलाकर हवन करना चाहिए।

-शहद, घी, शक्कर मं नमक मिलाकर आहूति देने से व्यक्तित्व में आकर्षण उत्पन्न होता है।

– सिर्फ नमक से हवन करने पर भी आकर्षण होता है|

-नीम के पत्तों में तेल मिलाकर हवन करने से दो परम मित्र के मध्य भी विद्वेशन करवाया जा सकता है।

-नमक, हल्दी और हरताल से हवन करने पर शत्रु जड़वत हो जाता है, अर्थात उसका स्तम्भन हो जाता है।

-चावल, तिल, दूध मिलाकर बने खीर से हवन करने पर धन लाभ होता है|

– तिल और गुग्गल मिलकर हवन करने से जेल से छुटकारा मिलता है|

-करवीर का पत्ता और अशोक के पत्ते से हवन करने पर संतान सुख की प्राप्ति होती है|

-पीले सरसो के दानों से हवन करने पर वशीकरण होता है|

जाप संख्या पूर्ण होने के उपरांत जप संख्या का दशांश हवन करें, हवन का दशांश तर्पण करें, तर्पण का दशांश मारजन करें  और मार्जन संख्या का दशांश ब्रामहण भोजन करवाएं|

बगलामुखी कवचः

जिस प्रकार बुलेट प्रुफ जैकेट पहन लेने के बाद मनुष्य पर किसी विस्फोटक का असर नहीं होता है उसी प्रकार देवी बगलामुखी के कवच से साधक तमाम बाह्य बाधाओं से मुक्त हो जाता है। सुरक्षा की जरूरत जहां-जहां पड़ती है, वहां यह कवच साधक की रक्षा करती है। उदाहरण के लिए -अज्ञात भय, कोर्ट-कचहरी का मामला, घात लगाकर बैठा कोई जानी दुश्मन आदि। इन सबसे बचाव हेतु तीन-चार अक्षरों का अलग अलग मंत्र है। जिनका विवरण इस प्रकार है-

डर दूर करने के लिए

कई बार मनुष्य अज्ञात भय से ग्रस्त हो जाता है। उसे पता ही नहीं होता उसका शत्रु कौन है। यह अत्यंत तकलीफ देह स्थिति होती है। इससे बचने के लिए निम्नलिखित मंत्र दक्षिणाभिमुखी होकर प्रतिदिन छः माला जाप करें-

ओम ह्लीं  ह्लीं बगले-सर्व-भयं-हन

शत्रु से रक्षा के लिए

वर्तमान युग की गलाकाट प्रतियोगिता में कौन मित्र कौन शत्रु पहचान कर पाना कठिन है। इसलिए ज्ञात अज्ञात शत्रुओं से रक्षा के लिए निम्नलिखित मंत्र प्रति दिन 21 माला जपें –

ओम बगलामुखी देव्यै ह्लीं   ह्लीं शत्रुनाश कुरूं।

बगलामुखी वशीकरण मंत्र

देवी बगलामुखी शत्रु स्तंभन के साथ ही वशीकरण की भी शक्तिशाली माध्यम मानी जाती हैं। पूजन विधि की समस्त औपचारिकताओं के पश्चात निम्न मंत्र के सवा लाख जाप का संकल्प लेकर 21 दिनों पूर्ण करें  –

ओम ऐं ह्लीं बगलामुखी देव्यै अमुक स्त्री/पुरूष हृदयम मम वश्य कुरू स्वाहा।

यहां जिसका वशीकरण करना हो उस स्त्री अथवा पुरूष का नाम उच्चारित करें। सवा लाख जाप के उपरांत यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। अपनी प्रेयसी/पे्रयस को उपहार में देने के लिए वस्तु खरीदें तथा उसे हाथ में लेकर उक्त मंत्र का जाप 51 बार करने के उपरांत उसे भेंट कर दें। वह आपसे वशीभूत हो जाएगी/जाएगा।

सावधानियां

बगलामुखी देवी अत्यंत उग्र मानी जाती हैं, अतएव इनकी साधना में लापरवाही बरतने का परिणाम गंभीर भी हो सकता है। इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। जैसे-

1- साधना किसी योग्य गुरू के मार्ग दर्शन में करें।

  1. यह साधना कभी भी खुले आसमान के नीचे न करें, परंतु पूजा स्थल पवित्र तथा स्वच्छ हो|
  2. साधना के दौरान अधिकतम पीत रंगों का उपयोग करें। जैसे आसन, वस्त्र, प्रसाद आदि।
  3. 4. साधना अवधि में ब्रम्हचर्य का पालन करें।
  4. हृदय मजबूत हो तभी यह साधना करें क्योंकि साधना के दौरान अनेक ध्वनियां सुनाई दे सकती हैं, अज्ञात स्पर्श का आभास हो सकता है।
  5. संकल्प लेने के उपरांत पहले दिन जितनी संख्या में मंत्र जपना प्रारम्भ करें उतनी ही संख्या में प्रति दिन करें| समय प्रहर आदि में अपनी मर्जी से फेर बदल न करें|